आज 17 अक्टूबर को देशभर में भारतीय हिन्दू सुहागिनों का करवा चौथ का व्रत है। जिसमें इस करवा चौथ के व्रत में सुहागिन महिलाओं व्रत से पहले प्रातः 4.00बजे उठकर सरगी खाने के बाद करवा चौथ का व्रत शुरू कर दिया है। जिसमें इस व्रत को लेकर महिलाएं पूरे साल इस दिन का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार करती हैं। वही सुहागिनों के इस स्पेशियल दिन को और भी खास बनाने के लिए हर कोई पति व पत्नी दोनों कुछ सोच कर इस व्रत की तैयारियों में जुट जाते है। वही आपको बता दें इस बार 70 साल बाद रोहिणी नक्षत्र के शुभ संयोग में पति की दीर्घायु की कामना करेंगी। जिसमें सुहागिनें अपने पति की लंबी उम्र की कामना के साथ महिलाएं आज पूरे दिन निर्जला व्रत रखा हैंं और शाम को 16 श्रगांर से सज धज कर पूजा का सामान तैयार कर जिसमंे मीठी व फिकी, नमकिन मट्ठी व मिठाई एवं सूखे मेवे व फल-फूल आदि पूजा कि थाली में सजाकर पूजा में बैठने से पहले खुद भी दुल्हन कि तरह सजने संवरने के लिए मेकअप ज्वेलरी या कपड़े, महिलाएं करवा चौथ पूजा में सोलह श्रृंगार करके सज.संवरकर बैठती है। और शाम की पूजा के बाद रात्री को चंद्रमा निकलने पर पूजा करने के बाद अन्न जल ग्रहण किया जाता है। जो कि अपने पति देव के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत को खोलती है। वही इस व्रत में चांद को छलनी से देखने का विशेष प्रचलन है। यह व्रत पति.पत्नी के प्रेम का प्रतीक करवा चौथ का पर्व आज ;17 अक्टूबर को देशभर में मनाया गया। जिसमें इस व्रत को करनपुर क्षेत्र कि सुहागिनों ने मिल कर एक साथ करवा चैथ की पूजा कि और अपने पति की लम्बआयु व स्वास्थ्य की कामनाएं की।
वही इस साल व्रत की समया विधि भी करीब 14 घंटे की थी। वही कई जगह में तो आजकल देखा जाता है कि पति भी पत्नी के साथ करवाचौथ का व्रत दोनों मिलकर रखते हैं। जिसमें ऐसे में पूरा दिन पति-पत्नी दोनों एक साथ भूखे रहते हैं। वह भी निर्जल तो यह जरूरी हो जाता है पूरा दिन निर्जला व्रत रखकर शाम, रात्री को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोलेंगी।ऐसे में हर महिला यही जानने को उत्सुक दिखाई दी कि शहर, आंगने में चांद का दीदार करते ही चंद को जल अर्पित करने के बाद पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत के खोला गया।
करवा चौथ